हरियाणा राज्य की शनि की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा व ग्रहों के संकेत

हरियाणा राज्य का जन्म 01 नवम्बर 1966 को पंजाब राज्य के विभाजन के फलस्वरुप हुआ था। नीचे जो कुंडली है वह 01 नवम्बर 1966 को 00 :00 :01 बजे चंडीगढ़ के लिए बनाई गई है। यही हरियाणा राज्य की कुंडली है। राज्यों की कुंडली के लिए क्या समय लिया जाए इस विषय में कुछ ज्योतिषि आचार्यों की अलग राय हो सकती है ,पर राज्य का जन्म जिस तिथि को हुआ उस तिथि को मध्य-रात्रि का समय लेकर जो राज्य की जन्म कुंडली बनती है उसके आधार पर दूसरे राज्यों के बारे में कई ज्योतिषी पहले भी सटीक भविष्यवाणी करते रहे हैं। इसलिए मैंने भी मध्यरात्रि का समय लिया है। 

हरियाणा राज्य की कुंडली में दो ग्रह चंद्रमा और केतु मृत्यु भाग अंशो पर हैं।मृत्यु भाग अंशों में स्थित ग्रह अपनी दशा -अन्तर्दशा में प्राय: अच्छा फल नहीं देते।

हरियाणा राज्य पर शनि की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा 18 अगस्त 2023 को शुरू हुई थी और 17 अक्टूबर 2026 तक चलेगीं। इस समय के दौरान महादशानाथ शनि 24 नवंबर 2023 को दोपहर बाद 03 बजकर 04 मिनट से 06 अप्रैल 2024 दोपहर बाद 03 बजकर 55 मिनट तक राहु के शतभिषा नक्षत्र में रहेगा। पहले भी 15 मार्च 2023 से 14 अक्तूबर 2023 तक शनि शतभिषा नक्षत्र में गोचर कर रहा था। शतभिषा नक्षत्र से पहले शनि, मंगल के धनिष्ठा नक्षत्र में 18 फरवरी 2022 से 14 मार्च 2023 तक तथा फिर 15 अक्तूबर 2023 से 24 नवंबर 2023 तक गोचर कर रहा था। शनि जब राहु ,मंगल या केतु के नक्षत्रों में गोचर करता है तो अच्छे प्रभाव नहीं दिखाता। कालिदास ने शनि को दुखकारक कहा है। जब शनि उक्त नक्षत्रों में गोचर करता है तो विश्व में युद्ध व टकराव की स्थिति ,जाति और धर्म के नाम पर दंगे , भूकंप,बाढ़ ,आगजनी ,महामारी ,राजनैतिक षड्यंत्र , तथा अन्य प्राकृतिक आपदायें घट सकती हैं। यह बात सारे विश्व पर लागु होती है। पाठक गण विश्व में हो रही घटनाओं को देखकर स्वयं ज्योतिष सिद्धांतों की सत्यता को परख सकते हैं। उदाहरण के लिए 08 सितम्बर 2022 को  ब्रिटिश महारानी की मृत्यु और इंग्लैंड में दो महीनों में तीन प्रधानमंत्रियों का होना,अगस्त 2022 में पाकिस्तान में बाढ़ और नवम्बर में भूतपूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की हत्या का तथाकथित प्रयास ,ईरान में महिलायों के प्रदर्शन और वहां की सरकार का दमनचक्र ,एक महिला की पुलिस हिरासत में मृत्यु ,कोविड में राहत ,पर चीन में बच्चों की एक और महामारी का उदय , जलवायु में प्रतिकूल परिवर्तन ,विश्व के कई देशों में मुद्रास्फीति, अमेरिका और चीन के तथा भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव ,इजराइल -हमास युद्ध और कई अन्य प्राकृतिक आपदाएं। आइए देखते है की हरियाणा में शनि की महादशा और शुक्र  की अन्तर्दशा क्या गुल खिलाने वाली है।

महादशानाथ शनि वक्री  होकर नौवें भाव में है। हरियाणा राज्य की कुंडली कर्क लग्न की है और शनि कर्क लग्न के लिए एक अकारक ग्रह है। यह शुभ ग्रह बृहस्पति और योगकारक ग्रह परन्तु नैसर्गिक रुप से अशुभ ग्रह मंगल से दृष्ट है। अन्तर्दशा नाथ शुक्र भी कर्क लग्न के लिए अकारक ग्रह है। यह कर्क लग्न के लिए बाधकेश भी है। शुक्र की एक राशि वृष बाधक स्थान पर है और वृष राशि में चन्द्रमा उच्च राशि परन्तु मृत्यु भाग अंशो पर है । शुक्र अपनी मूल त्रिकोण राशि तुला में सूर्य के साथ है। शुक्र सुर्य  से अस्त है और राहु -केतु अक्ष में है। केतु मृत्यु भाग अंशो पर है। महादशा नाथ और अन्तर्दशा नाथ परस्पर 6 /8 हैं। स्पष्ट तौर पर यह समय हरियाणा के लिए ज्यादा शुभ नहीं होगा। अगस्त में हम नूंह के दंगे झेल चुके हैं और अभी भी दोनों सम्प्रदायों में तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस दशा में पुलिस प्रशासन और सरकार को उन ताकतों पर कड़ी निगरानी रखनी होगी जो प्रदेश में साम्प्रदायिक वातावरण को बिगाड़ने का काम कर सकते हैं। प्रदेश के किसी नेता की शनि -शुक्र दशा में मृत्यु भी हो सकती है। फरवरी 2024 के अंत से अप्रेल 2024 के अंत तक सरकार की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाली कोई घटना घट सकती है।मई  2024 से जुलाई 2024 के बीच सरकार कोई महत्वपूर्ण घोषणा कर सकती है। अगस्त -सितम्बर 2024 में सरकार प्रशासन या शिक्षा सम्बन्धी कोई महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय लेगी। किसी वित्तीय संस्थान में अनियमतता के पाए जाने की भी संभावना है। आने वाले चुनाव में सत्तारुढ़ दल को प्रमुख विरोधी दलों से कांटे की टक्कर मिलने की संभावना है।अक्टूबर 2024 से मार्च 2025 तक राजनैतिक गतिविधियों में तेजी आएगी।प्रदेश में नई सरकार बनने से पहले बहुत योजनाएं/जोड़तोड़ /षड्यंत्र होंगे। अप्रेल 2025 से अगस्त 2025 तक सरकार जनता के हित में कोई महत्वपूर्ण निर्णय ले सकती है। सितम्बर 2025 से फरवरी 2026 तक साम्प्रदायिक ताकतों से सावधान रहने की आवश्यकता है। फरवरी 2026 से अगस्त 2026 तक का समय शिक्षा, विद्यार्थियों और कलाकारों के लिए अच्छा है पर इनसे सम्बंधित कोई विवाद भी हो सकता है। अगस्त 2026 से अक्टूबर 2026 तक खनन विभाग को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी। खनन विभाग में कोई दुर्घटना घट सकती है। सरकार के लिए किसी दुर्घटना से असहजता की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।     

मेदिनी ज्योतिष में ग्रहण का विशेष महत्त्व होता है। 28 /29 अक्टूबर 2023 को खण्डग्रास चन्द्र ग्रहण होगा। यह समूचे भारत में दृश्टिगोचर होगा। हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ के अक्षांश -रेखांश पर इस ग्रहण की कुंडली नीचे दी गई है।  

यह चंद्र ग्रहण सिंह लग्न में होगा। सिंह लग्न में ग्रहण होने से वन प्राणियों को हानि हो सकती है। किसी चिड़िआ घर में या अभ्यारण्य में कोई दुःखद घटना घट सकती है। इस ग्रहण का लग्न स्वामी सूर्य हरियाणा राज्य के चतुर्थ भाव में मंगल ,बुध व केतू के साथ है। इस ग्रह स्थिति के कारण कृषि ,वन ,शिक्षा ,होटल  या खनन विभाग में कोई समस्या हो सकती है या कोई दुर्घटना घट सकती है । ग्रहण के समय हरियाणा राज्य के चतुर्थ भाव में मंगल और बुध ग्रह युद्ध की स्थिति में होने के कारण मंत्रिमण्डल में कुछ मतभेद प्रकट हो सकते हैं। सरकार के सहयोगी व्यक्ति भी अपनी ही सरकार के विरुद्ध मुखर हो सकते हैं। यह ग्रहण  मेष राशि और अश्वनी नक्षत्र के समय घटित हो रहा है अतः मेष राशि और अश्वनी नक्षत्र के व्यक्तियों के लिए यह ग्रहण शुभ नहीं होगा। बृहत संहिता के अनुसार मेष राशि में ग्रहण (Chapter 5 sloka 35) होने पर शूरसेन (मथुरा के नजदीक का इलाका शूरसेन कहलाता है ) इलाके के लोग दुःखी होते हैं। अतः फरीदाबाद ,पलवल और गुरुग्राम के इलाकों में पुलिस प्रशासन को अधिक सावधान रहना चाहिए।यह भी विचारणीय है कि इस ग्रहण से पहले 14 अक्टूबर 2023 को कंकण सूर्य ग्रहण था। हालांकि यह ग्रहण भारत में कहीं भी दिखाई नहीं दिया। पर बृहत संहिता के अध्याय 5 श्लोक 26 के अनुसार, If there should be both solar and lunar eclipses occurring in one and the same month, kings will suffer destruction through the open rebellion of their army. There will further be terrible bloodshed.” अतः किसी देश में सैनिक क्रान्ति या खून खराबे द्वारा सत्ता परिवर्तन सम्भव है क्योंकि दोनों ही ग्रहण आश्विन मास में हैं।राशि संघटक चक्र बना कर देखने से ग्रहण के दिन शनि -केतु ,सूर्य ,बुध ,मंगल में  परस्पर दृष्टि सम्बन्ध है। शनि हरियाणा के अष्टम भाव में व केतु ,सूर्य ,बुध ,मंगल हरियाणा के चतुर्थ भाव में हैं। 

 07/08  सितंबर 2025 को खग्रास चंद्रग्रहण होगा। ग्रहण के समय चण्डीगढ़ में वृष लग्न उदय होगा जो हरियाणा का चंद्र  लग्न है। शनि उस समय जन्मस्थ शनि के ऊपर भ्रमण कर रहा होगा।अतः ग्रहण के समय नवम भाव पर शनि का प्रभाव होने के कारण इस समय प्रदेश में कानून व्यवस्था के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता है। साम्प्रदायिक तनाव भी हो सकता है। पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के प्रथम चरण में होने के कारण इस ग्रहण का हरियाणा के कुछ हिस्सों पर  बुरा प्रभाव पड़ेगा। कुम्भ राशि में होने के कारण प्रधान मनुष्यों (leaders) और बोझा ढोने वाले लोगों के लिए यह ग्रहण शुभ फलदायी नहीं होगा। ट्रकों की व अन्य वाहनों की दुर्घटनाओं में वृद्धि की संभावनाएं हैं। किसी दुर्घटना में किसी नेता की मृत्यु हो सकती है। भाद्रपद मास का ग्रहण है इसलिए गर्भवती स्त्रियों के लिए अशुभ फलदायी है। गर्भपात की घटनायों में वृद्धि की संभावना है। गर्भवती स्त्रियों को इस समय सावधान रहना चाहिए और स्वास्थ्य के नियमों का पूरा पालन करना चाहिए।राशि संघटक चक्र बना कर देखने से ग्रहण के दिन शनि ,मंगल ,राहु -केतु में दृस्टी सम्बन्ध नहीं है।पर शनि मंगल में परस्पर पराशरी दृष्टि सम्बन्ध है।  

तीसरा खग्रास चंद्रग्रहण 2 /3 मार्च 2026 को लगेगा। यह ग्रहण सिंह राशि और पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में होगा। इसलिए यह ग्रहण वन्य प्राणियों ,नेताओं , सशस्त्र बलों और पुलिस प्रशासन इत्यादि के लिए शुभ नहीं होगा। पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में  होने के कारण हरियाणा के दक्षिण पूर्व में इसका अशुभ प्रभाव  होगा। फाल्गुन मास में होने के कारण कलाकारों,खेती करने वालों ,साधुसंतों ,शिल्पिओं,सैनिकों ,पुलिस,अस्त्रशस्त्र निर्माताओं  व संभ्रांत महिलाओं के लिए भी यह ग्रहण शुभफलदायी नहीं होगा। सरकार अपने वित्तीय संसाधनों ,बजट और टैक्स प्रणाली पर पुनर्विचार कर सकती है।राशि संघटक चक्र बना कर देखने से ग्रहण के दिन शनि ,मंगल ,राहु -केतु में दृस्टी सम्बन्ध नहीं है। इन ग्रहों के अंदर पाराशरी दृष्टि सम्बन्ध भी नहीं है। 

इस दशा के दौरान कुछ अन्य ग्रहण भी लगेंगे पर वह हरियाणा में दृश्य नहीं होंगे इसलिए मैंने उन पर विचार नहीं किया है क्योंकि किसी इलाके में दृश्य ग्रहणों का ही अधिक प्रभाव पड़ता है। ग्रहण का प्रभाव कब पड़ता है इस विषय पर विद्वानों के अलग अलग मत हैं लेकिन आम तौर पर एक ग्रहण का प्रभाव अगले ग्रहण तक या छः मास तक रहता है। 

मेदिनी ज्योतिष में ग्रहों की युति और परस्पर स्थिति का भी बहुत प्रभाव पड़ता है। मुख्य ग्रहों की युति /परस्पर स्थिति कभी कभी बहुत बड़े परिवर्तन का संकेत होती हैं। उदाहरण के लिए 10 अप्रैल 2024 को हरियाणा के आठवें भाव में ( कुम्भ राशि में ) शनि और मंगल नजदीक अंशो पर गोचर कर रहे होंगे और उस समय केतु -राहु भी हरियाणा के 3 /9 अक्ष पर होंगे। इस समय के आसपास किसी षड्यंत्र के तहत दंगे हो सकते हैं या कोई आगजनी की दुर्घटना हो सकती है। 

(Transit Chart dated 10 April 2024)       (Foundation Chart Haryana) 

अब 25 अप्रैल 2025 की ग्रह स्थिति देखें-हरियाणा के नवम भाव में  शनि -राहु नजदीक अंशो पर गोचर कर रहे हैं।इस समय भी साम्प्रदायिक वातावरण को बिगाड़ने के लिए कोई षड्यंत्र हो सकता है या न्यायालय /उच्च शिक्षा के सम्बन्ध में कोई अप्रिय घटना घट सकती है। लग्न में नीच का मंगल भी ठीक नहीं है। इसी प्रकार 10 अगस्त 2025 की ग्रह स्थिति देखिए -शनि मंगल 3 /9 अक्ष पर नजदीक अंशो पर गोचर कर रहे हैं।  इस समय ट्रैफिक सम्बन्धी कोई दुर्घटना हो सकती है। जब ऐसी ग्रह स्थिति हो तो सभी को ट्रैफिक सम्बन्धी नियमों का कड़ाई से पालन करना चाहिए। ज्योतिष ग्रंथों में शनि -मंगल की युति और आमने-सामने की स्थिति के समय गरीब लोगों को दान देने का प्रावधान है। 20 अप्रैल 2026 को शनि -मंगल हरियाणा के

नोवे भाव में मीन राशि में नजदीक अंशो पर गोचर करेंगे। उस समय बुध भी उनके साथ होगा। यह समय भी शुभ फलदायी रहने की संभावना नहीं है। मेदिनी ज्योतिष में सूर्य -शनि का आमने -सामने होना और गुरु -मंगल की युति भी अच्छी नहीं मानी जाती। हरियाणा राज्य की शनि -शुक्र दशा के अंतिम समय 

में 10 अक्टूबर 2026 की ग्रह स्थिति देखें। तीसरे भाव में सूर्य और नवें भाव में शनि है। लग्न में गुरु -मंगल की युति है।पाराशरी ज्योतिष अनुसार कर्क लग्न के लिए मंगल -गुरु की युति राजयोगकारक है ,परन्तु मेदिनी ज्योतिष अनुसार मंगल -गुरु की युति शुभ नहीं है। सूर्य -शनि का आमने -सामने होना प्रदेश की आर्थिक स्थिति के लिए शुभ नहीं है। किसी वित्तीय संस्थान में अनियमितताएं उजागर हो सकती हैं। 

उक्त सब कठिनाईयों के बावजूद फसलों की पैदावार संतोषजनक रहेगी।रियल एस्टेट और होटल इंडस्ट्री का काम भी संतोषजनक रहेगा। शिक्षा के क्षेत्र में कुछ कठिनाइयों के बावजूद प्रगति होगी। फैशन टेक्नोलोजी,अभिनय ,इंजिनीरिंग इत्यादि से सबंधित शिक्षण संस्थाओं में विद्यार्थी खूब रूचि लेंगे।घरेलू हिंसा ,बाल शोषण व तलाक इत्यादि बढ़ सकते हैं। असामाजिक तत्वों पर रोक लगाने के लिए प्रशासनिक मशीनरी को कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। किसी मंत्री का स्वास्थ्य सरकार के लिए चिंता का विषय हो सकता है। विश्वप्रसिद्ध ज्योतिष गुरु श्री के एन राव के अनुसार ,”शनि में शुक्र की दशा जीवन में मानसिक ,सामाजिक ,आर्थिक एवम मनोवैज्ञानिक परिवर्तन लाती है और व्यक्ति को जीवन में और जीवन के पहलुओं पर नये प्रकार से कार्य करने की प्रेरणा देती है।  “(Journal of Astrology-July/August 2017, P-61) .

संक्षेप में कुछ अशुभ प्रभाव के बावजूद हरियाणा राज्य की शनि -शुक्र की दशा हरियाणा वासियों और हरियाणा सरकार को बहुत कुछ सिखा कर जाएगी। 

 

 

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