साँस में हवा के अलावा भी कुछ होता है। भारतीय शास्त्रों में इसी को प्राण कहा गया है। यह हवा के माध्यम से प्रवाहित होने वाली दिव्य ऊर्जा है। अस्पताल में कुछ समय गुजारने के बाद या बीमार आदमी के पास कुछ देर बैठने से या ज्यादा भीड़ वाली जगह पर आपको इसीलिए ज्यादा थकान या घुटन महसूस होती है क्योंकि वहां अन्य लोगों द्वारा आपकी प्राण ऊर्जा ज्यादा चूसी जाती है। जबकि किसी ऊर्जावान व्यक्ति से मिलकर हम अपने भीतर भी अधिक ऊर्जा का अनुभव करते हैं। यह सब सांस के साथ जो प्राण ऊर्जा होती है उसी के…