संतो की वाणी –परमहंस श्रीरामकृष्णदेव जी

परमहंस श्री रामकृष्णदेव ज़ी का जन्म 16 फ़रवरी 1836 इस्वी को कलकते से 60 मील उत्तर पश्चिम में स्थित एक छोटे से गांव कामारपुकुर में  हुआ था। श्री रामकृष्णदेव  ने गांव की पाठशाला में ही थोड़ी बहुत पढाई की थी। वे ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे। लेकिन उनकी मेधा इतनी प्रखर थी की दो शताब्दी  बाद भी  लाखों पढ़े -लिखे लोग उनके ज्ञान से अपने जीवन पथ को आलोकित करते हैं  और अपनी कठिन से कठिन समस्याओं  का समाधान पाते  हैं। उनके जीवन काल में भी उनके पढ़े लिखे शिष्यों की संख्या कम नहीं थी।  उनके पिता श्री क्षुदिराम चटोपाध्याय …

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